Friday, 7 December 2012

TRUE FRIENDS

                           

दोस्‍ती की मिसाल- एक दूसरे के पति को दी किडनी

  


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जौनपुर। एक बहुत बड़े दार्शनिक ने कहा था कि अगर आपको निस्‍वार्थ भाव से मानने वाला कोई एक मिल जाये तो आप भाग्‍यशाली है, दूसरा मिल जाये तो आप बहुत ही भाग्‍यशाली है और तीसरा ना तो कभी किसी को मिला है और न ही मिलेगा। दोस्‍ती एक नायाब रिश्‍ता है, जो सच्‍चाई से हो तो हम उसके अंदर सारे रिश्‍तों को पा लेते है। ऐसी ही नायाब मिसाल जौनपुर की रहने वाली दो सहेलियों ने एक दूसरे के पतियों को किड़नी देकर कायम की है।
उत्‍तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली बचपन की दो सहेलियों ने दोस्‍ती की मिसाल कायम की, जिसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता। गायत्री पांडेय और रागिनी तिवारी ने गंभीर बीमारियों से ग्रसित एक दूसरे के पतियों की जान बचाने के लिए अपनी-अपनी किडनी दान दे दी। पिछले हफ्ते ही लीलावती अस्‍पताल में किडनी ट्रांसप्‍लांट के लिए सफल आपेरशन किया गया।
उनके इस कदम से न की परिजन बल्कि डॉक्‍टर भी आश्‍चर्यचकित हैं। पांच अप्रैल को गायत्री ने रागिनी के पति नवीन तिवारी (39) को और रागिनी के पति दानेश पांडे (38) को किडनी दी। गायत्री ने बताया कि उन्‍होंने रिश्‍तेदारों से लेकर भाईयों और पिता की किडनी मैच कराई लेकिन किसी की किडनी मैच नहीं हुई। उसके बाद दोनों सहेलियों ने एक दूसरे के पति को किडनी देने का विचार किया।
काफी समय तक दोंनो के टेस्‍ट होते रहे और कुछ हफ्ते पहले ही डॉक्‍टरों ने किडनी मैच होने की खुशखबरी दी। शायद उन दोस्‍तों ने भी नहीं सोचा होगा कि जिंदगी में कुछ ऐसा भी हो सकता है, उनके बचपन की दोस्‍ती ही उनके जीवन को बचाने के काम आएगी। पतियों की किडनी फेल होने के कारण से उनका लंबे समय से इलाज चल रहा था।
रागिनी के पति नवीन को उनकी मां ने सन 2004 में किडनी दी थी, लेकिन पांच साल में उन्‍हें फिर दिक्‍कत शुरू हो गयी। गायत्री के पति नागेश को वर्ष 2008 के बाद से नियमित तौर पर डायलिसिस की जरूरत पड़ने लगी थी। ऑपरेशन करने वाले डॉक्‍टर शाह ने कहा कि किडनी न मिलने के कारण दोनों के पति कई साल से जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे। अब उनकी हालत स्थिर है।

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